परदा

परदा था तो कभी वो भी मुस्कुरा के चले जाते थे
हसरत ए मोहब्बत ने परदा गिराने पे मजबूर कर दिया

अब वो भी देख लेते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं
बेबाक इश्क़ ने हमको ज़माने की जागीर जो कर दिया

परदा था तो कभी वो भी मुस्कुरा के चले जाते थे...

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