पिछली बार जब आया था यहाँ,
तो जाने वाली इक राह पकड़ी थी!
आने वाली इक राह से चल कर,
आज फिर उसी चोराहे पे खड़ा हूँ!!
the pursuit of reason... the fight with self...
पिछली बार जब आया था यहाँ,
तो जाने वाली इक राह पकड़ी थी!
आने वाली इक राह से चल कर,
आज फिर उसी चोराहे पे खड़ा हूँ!!
Posted by Sukesh Kumar Thursday 10 June 2010 at 17:49 4 comments
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)