नीली स्याही

ज़ख़्मों से शब्द रिसते रहे मेरे, डॉक्टर ने नीली स्याही डाल दी थी
दर्द अब भी बाकी है
पर अब पता नहीं लगता खून कौन सा है और स्याह शब्द कौन से हैं !

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