आज जगाएँगे

कुछ कविताएँ अधूरी पड़ी हैं !
चलो आज स्याही से पानी को रंग देते हैं
क़लम की नोक से आसमान को छेद देते हैं !
मैं सोचूँगा तू अर्थ देना
और जुगनू लिखेंगे !
जो काले अक्षर हैं वो भी जगमगाएँगे !
ना, आज सोएंगे नही
आज एक दूसरे को जगाएँगे !!

Market Research Problem #2


Why ‘Kala Khatta’ flavor of Chuski/ice-gola is the(especially womens’) most favorite in Mumbai. (Additional Info: Cranberry juice has special association with women)

Market Research Problem #1


Market Research Problem #1: Why do girls keep their cellphones in the back-pockets of their jeans ?

one-way

गैर से अपने तक का रास्ता इस कदर लंबा था,
के चलते चलते कदम भूल गये के...
one-way ही है, वापिस ना लौट पाएँगे !

कभी कोई कोशिश

कभी शब्दों से खरोच के हाथ की लकीरें बदलने की कोशिश करता है कोई
जब हाथों से ज़्यादा माथे पर लकीरें पाता है कोई !


कभी राह चलते हुओं पर भी प्यार लुटाने की कोशिश करता है कोई
जब आँचल में इतना प्यार बचा रह जाता है, छलकता पाता है कोई !


कभी बादल की ही छाओं में दो घड़ी आँख लगाने की कोशिश करता है कोई
जब घर पहुँचने के लिए थके हुए पैरों से इनकार पाता है कोई !


कभी नीम छोड़ आँसुओं  का लेप ज़ख़्मों पे लगाने की कोशिश करता है कोई
जब आँसुओं के सामने नीम को फीका सा पाता है कोई !


कभी अपने ही कंधे पर सर रख के रोने की कोशिश करता है कोई
जब लंगड़े आँसू किसी सहारे की टोह में पाता है कोई !


कभी बारहवीं मंज़िल पे बने अपने ही घर से दूर जाने की कोशिश करता है कोई
जब गिरने का नहीं कूद जाने का डर मन में पाता है कोई !


कभी इस चीज़ से तो कभी उस चीज़ से अपने ही प्यार को तोलने की कोशिश करता है कोई
जब बेवफ़ाई का भार कैसे बढ़ गया, समझ नहीं पाता है कोई...
बेवफ़ाई का भार कैसे बढ़ गया, समझ नहीं पाता है कोई...
समझ नहीं पाता है कोई...

बस एक ही कांधा

अजीब जद्दो जहद है ये ऩफा-नुकसान की !
आज चार काँधे मिले हैं मुझको
कभी एक ही हुआ करता था, सर रख के रोने का सहारा था !!

करवट

सुबह उठा तो काका ने बिस्तर की सिलवटें सीधी कर दी के रात की करवटें दिखे नहीं !
वो रात आज भी याद है जब मैं करवट लेता था और तू छिल जाती थी !!
कौन सीधा करेगा तेरे बदन के शिकनों को, जो आज भी उस रात की कहानी दोहराते हैं