आठ की टिकट, सोलह की मंज़िल

मुझसे मेरी फ़िकर ही छूटी जा रही थी उस दिन
तुम्हे तो सिर्फ़ एक ट्रेन छूटने की फ़िकर थी !
एक टिकट का खर्चा तो हुआ उस दिन
पर आठ रुपए की किफायत क़ाबिल-ए-जिकर थी !!

अरी ना-समझ...

दो की कीमत देती तो तुझे ट्रेन में चड़ना ही ना पड़ता
सोलह में मंज़िल मिल रही थी काउंटर पे !!!

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