व्यापार

बाँटता रहता हूँ यह गम-ए-दिल
शायद कोई बदले में दे जाए कुछ खुशी !

पर जो भी मिला
अपने हिस्से का कुछ गम दे गया !
माथे पे कुछ लकीरें दे गया !
आँखों में कुछ रगड़ दे गया !

अब मैं लोगों से लोगों का ही गम बाँटता हूँ !!

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