लंगर

संभाले रखा है अभी तलक
ना जाने कब कोई लहर बहा ले जाए

मेरी कश्ती में लंगर नहीं है

एक तेरी बाजुओं से आस थी
और कोई साहिल आसरा नहीं देता

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