अधूरी कहानियाँ

तोते ने अपने परों से जैसे निचोड़ी हो
यूँ लाली आँखों में भर कर कहा
"गुटर-गूँ तो मैं लोगो की कहानियाँ करता हूँ
इत्मिनान से गा के सुनाऊंगा जब मेरी कहानी बनेगी”
तो मैं भी कहाँ चुप रहने वाला था

“मैं खिड़कियाँ रात को खोलता हूँ
ताक़ि अंधेरा अंदर आ जाए”
तितली फड़फड़ाते हुए बोली
“गर तुमने खिड़कियाँ दिन को खोली होती
तो आज ये कोई कहानी गा रहा होता”

मेरे पिंजरे में इक मैना है, उसको रोशनी पसंद नहीं !

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