रेगिस्तान

ऱत्ता-ऱत्ता जल उठता है,
प्यास से गला सूख जाता है,
होंठ ककड़ी जैसे हो जाते हैं,
शायद रेगिस्तान ऐसे ही बनता है !
बहुत देर तक बारिश नहीं होती !!

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