बदगुमानी

तुम जो आ जाते हो ख्यालों में
बिन बुलाए मेहमान की तरह !
खुद को बचाए रखने की कोशिशें
दगा दे जाती हैं बेईमान की तरह !
बंद कर लेती हूँ किवाड़ और छुपा लेती हूँ खुद को
यकीन है आओगे तुम पर रहती हूँ बदगुमान की तरह !!

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