ऐसा कोई

रंज गुज़ारे और भूल जाए पुरानी ज़फ़ा,
ऐसा कोई कहाँ !
आँचल में छुपा ले बिना माँगे अहद-ए-वफ़ा,
ऐसा कोई कहाँ !!

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