बस यूँ ही चलते जाएंगे
साथ चलोगे, तो रास्ता दिखाते जाएंगे !
कुछ तो खुद जलते जाएँगे
बुझा कोई मिलेगा तो उसमें भी लौ भड़काते जाएँगे !!
साथ चलोगे, तो रास्ता दिखाते जाएंगे !
कुछ तो खुद जलते जाएँगे
बुझा कोई मिलेगा तो उसमें भी लौ भड़काते जाएँगे !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Saturday 21 December 2013 at 14:36
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
0 comments:
Post a Comment