हमनवाई

रोज़ सवाल उठाते हैं मज़हब के ठेकेदार
के कैसे हो जाएं हमनवा काफिरों के साथ !
यूँ रोज़ नमाज़ पड़ी जाती है मस्जिद में
सामने वाले मंदिर की घंटिओं के साथ !!

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