हिस्सा

नमक होता है समंदर में जैसे
तुम ज़िंदगी का हिस्सा बन जाओ इस तरह !
ढाल दो मुझे अपनी खुश्बू में ऐसे
पहली बारिश में जैसे रेत बन जाए गीली मिट्टी की तरह !
कुछ नहीं है इसके बाद
मत जाओ और थम जाओ इस लम्हे की तरह !!

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