आवारगी

"रुक जा, यार" बस इतनी सी दरखास्त कर पाया था तब !
अब भटकता रहता है दिल,
मंज़िलों और राहों में फरक जाने बिना !
आवारगी बड़ी शानदार चीज़ है !!

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