छननी

तुमने बुन लिए हैं नये रिश्ते,
मैं अभी तलक सिल रहा हूं पुरानी क़तरनें !
सितारों ने भर ली है कटोरी आज फिर चाँदनी से,
और छीन लिया है चाँद मेरी आखों से !
तुम अपनी आखों में प्रेम मत रखना,
रखना बस इक पहचान नये रिश्ते की,
और बना लेना मेरी कतरनों को अपनी छननी !!
देर से ही सही, चाँद आएगा ज़रूर !!

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