दूरी

आज की रात बड़ी दूर चलेगी !
नींद लौट जाएगी दबे पावं, ख़्वाबों को माचिस की डिब्बी में छुपा |
मैं ज़ाया करता रहूंगा सब ख्वाब, सिगरेट के धुएं के छल्ले बना ||

आज की रात बड़ी दूर चलेगी !
मौत दे जाएगी सबूत अपनी आमद का, उम्र को पैमाने में छुपा |
ज़िंदगी टटोलती रहेगी सबब अपने होने का, शराब को सिरहाना बना ||

यारा, आज की रात बड़ी दूर चलेगी !

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