ज़िंदा

आंतक, घुसपैठ, ब्लातकार, भ्रष्टाचार…
क़ौम पे कौन सी झरीट बाकी है !
नस नस में अभी से समा रहा है पानी,
क्या कुछ खून बाकी है?
बादल गरजा है और बिजली चमकी है,
बारिश तो अभी बरसनी बाकी है !

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