लड़ाई

कोई रोता रहे कई लम्हे, मेरा चेहरा अपने आँचल में लिए,
और कह दे के मैं सारी की सारी हूँ तुम्हारी !
हाए, ज़िंदगी मुकम्मल होना भी बड़ा आसान है !!

पर, मालूम नहीं के वो लटें इतनी शरारती हैं,
या मेरी साँसों की लड़ाई है कोई बड़ी बड़ी आखों से !
जो ज़िंदगी उस बेमाने से मोड़ पे आ के रह जाती ही अधूरी !!

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