गुम

वो रोज़ नया दर्द ढूंढ लेता है,
जैसे पुराना दर्द बँट गया हो उससे !
मैं उस दर्द-मंद को मिल ही जाता हूं,
जैसे कोई कांधा गुम गया हो उससे !!

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