भंवर

मुझे लगता है उदासी और मोहब्बत बराबर बंटी है दुनिया में,
कहीं मोहब्बत तो कहीं उतनी ही उदासी,
और कहीं दोनो एक साथ... 



|| भंवर ||
ये भी खुदा ने खूब की,
पानी में डूबतों को तिनका,
और मोहब्बत में डूबतों को क़लम दे गया !


खुशनसीब तो लग गया किनारे,
और मुझे काग़ज़ों के भंवर दे गया !!

0 comments: