बंटवारा

सारा अधूरापन लिए हुए अपने आँसुओं में,
पोंछ दिया तुमने, जो था तेरे मेरे बीच...
मेरा सारा जहां...
जिसमे आधे तुम आधा मैं...
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सोचो के बंटवारा पहेले से लिखा था तकदिरों में

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