मीआद

वो उस दिन सब प्यार खो बैठी - उसके किए भी, उससे किए भी ! भीड़ में किसी के मोबाइल फ़ोन पे धुन बज रही थी - "तेरा मुझसे है पहेले का नाता कोई" | मधम होती हुई; जैसे बॅकग्राउंड म्यूज़िक हो कहानी की समापती का |
जाते जाते फिर दोनो पलटे नहीं... शायद किसी डर से !
अजीब है ना कुछ कहानियां कितनी छोटी होती हैं शब्दों में, मगर मीआद उम्र भर की !

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