फनकार

सिगरेट के छल्ले उड़ाती तन्हाईयां,
विस्की के छोटे छोटे घूंट लेती बेचैनियाँ,
चाए की चुस्कियां लेती सर्दियाँ,
और छत्त पे सितारों के नीचे लेटी गर्मियाँ,
अक्सर दे जाती हैं जनम ना जाने कितने फनकारों को !

और
जाने कितने फनकार मरते हैं ऊँचे ए.सी. ओफिसों में लॅपटॉप्स के सामने !!

0 comments: