शिकन

लकीरों पे अपनी मर्ज़ी का कुछ ऐसा कुरेद देना, जो फिर उम्र भर ना मिटे !
इससे पहेले के,
हाथों की लकीरें, माथे की शिकन बन जाएं !!

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