किस्से

ओ यारा, कोई तुमसे इतनी मोहब्बत कर ले,
के तुम्हे तुम्हारे ही क़िस्सों में से निचोड़ ले,
और रख ले अपनी पलकों तले !

के तुम्हारे किस्से नदिया की धार बिना अंत के !!

0 comments: