उंगली थामे

ज़िंदगी के उस पल के बाद वाले सारे पल
लगा
के किसी की उंगली थामे तै की हैं सब राहें !
मगर जाने क्यों
उस पल के बाद की सभी राहों में
तै करने लायक कुछ भी नहीं था !

तुमसे नज़दीकी वाले पलों की
छनती धूप
तुमसे दूरिओं वाले पलों की
छांव
का हिस्सा बन के रह गयी !
हमेशा के लिए ...

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