नशा

जब मैं बहुत सी इधर-उधर की बातें करने लगता हूं
तो चाए बना लेता हूं !
कभी चाए अच्छी ना बने तो विस्की से काम चला लेता हूं !
नशा फिर भी यही सोच के होता है के जैसे मैं तुम्हारे हाथों की बनाई चाए पी रहा हूं...

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