मैने रंज गोद ले लिया है,
और पालता हूँ अपनी ही ख़ुदकुशी को !
देख के गम वालिद का,
मौत खुद कहती है के
'शिव' का जीना यूँ ही ज़ाया ना था !!
और पालता हूँ अपनी ही ख़ुदकुशी को !
देख के गम वालिद का,
मौत खुद कहती है के
'शिव' का जीना यूँ ही ज़ाया ना था !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Wednesday 17 July 2013 at 09:14
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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