सब जी ही जाते हैं अपनी अपनी ज़िंदगियाँ !
मगर कुछ पीछे छोड़ जाते हैं इक अधूरापन,
वो जो ढूंढ नहीं पाते रोने के लिए कांधा !!
मगर कुछ पीछे छोड़ जाते हैं इक अधूरापन,
वो जो ढूंढ नहीं पाते रोने के लिए कांधा !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Thursday 10 December 2015 at 23:03
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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