तूफ़ान भले ही समंदर में हो या दरिया में, लहरों के मुकाबिल तो साहिल ही को होना है.....
the pursuit of reason... the fight with self...
तूफ़ान भले ही समंदर में हो या दरिया में, लहरों के मुकाबिल तो साहिल ही को होना है.....
Posted by Sukesh Kumar Monday, 20 October 2008 at 17:21
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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