अंजाम

यारा, रूह को भी चाहिए जिस्म का सहारा,
अकेली कब तक जीती रहेगी !
वरना ज़िंदगी की फ़ितरत है गुज़रना, गुज़रती रहेगी !

मेरी दुआ में मगर तुम्हारे खुश रहने वाला हिस्सा,
हमेशा बरकरार रहेगा !
रूह बिना जिस्म का अंजाम है जलना, जलता रहेगा !!

कमी


एयरपोर्ट पे मेरे साथ खड़ी लड़की उसी जोड़े को देख रही थी जिसे मैं भी काफ़ी देर से ताक रही थी| हम दोनो ही जा रहे थे और सोच रहे थे के कोई नहीं जो विदाई देने आया हो| लगा के वो बोल रही हो अपने गुम हुए प्रिय को के तुम भी आओ और चूम लो माथे पे सामने वाले लड़के की तरह; और मैं बस रुक जाऊंगी ज़िंदगी भर तुम्हारे पास| ये सोच वो कितना टूटी होगी अंदर से और शायद ज़िंदगी भर टूटती रहेगी थोड़ा थोड़ा ऐसे ही मौकों पे|

असमंजस उसे बस इस बात का था के क्या उसके प्यार में कुछ कमी थी जो वो नहीं मिला उसे या उसका प्यार इतना गहरा था के तड़प ज़िंदगी भर रही| गुलदस्ता बनाने के लिए दूसरे फूल भी तो तोड़े जा सकते हैं, एक काँटों वाले गुलाब ही तो नहीं होते गुलदस्ते के फूल!

मैं अभागी इस बात से गमगीन के मेरे पास अपनी कोई कहानी नहीं| मगर, किसी के ना होने से या कुछ ना होने से भी ज़िंदगी कहाँ रुकती है! फिलहाल, ज़िंदगी हलक के नीचे उतरी बैठी है किसी कोने में ज़हन के! जी लो!!

होना

पहले उसे लगता था के किसी के होने से सब कुछ है मगर अब महसूस करता है के किसी के होने से कुछ होने का कोई सरोकार नहीं होता| कभी कुछ ना होने से भी किसी का होना पूरा हो जाता है|

बच्चे सही रहते हैं - एक छोटी सी "क़िस्सी" के सौदे बदले सब कुछ पूरा हो जाता है| प्रेम भी एक बच्चे की तरह ही है जिसके लिए हम सब पूरा करते रहते हैं; मगर वो हमेशा नये खिलोनो के पीछे भागता रहता है और बिठा लेता है हाथ पकड़ अपने पास जो भी अच्छा लगे!
वैसे ही जैसे किसी का हाथ पकड़ लो तो प्रेम नहीं हो जाता, किसी का हाथ छोड़ देने से प्रेम कम भी नहीं हो जाता| हां, फ़ासले बढ़ जाएं तो उलझनें बढ़ ही जाती हैं| कशमकश और उलझन में ख़ासी दूरी नहीं होती; एक ही सिक्के के दो पहलू जैसे – पास पास मगर बिल्कुल अलग| फिलहाल, कशमकश है प्यार के हो जाने पर!

किसी से प्यार हो जाना और किसी से प्यार करना दो बहुत अलग बातें हैं मगर इन दोनो से ही मुख्तलिफ होता है किसी का प्यार पाना| अहम बात यह है के ये सबसे मुश्किल भी है| दावा तो नहीं पर यकीन है के उसके मन में प्यार था ज़रूर, बात अलग है के वो प्यार पाना किसी के नसीब में नहीं था| किसी को नहीं मिला या वो प्यार किसी ओर को मिला या जिसको मिला उसको कुछ ओर प्यार मिला, सब किसी संजीदा रात का अंधेरे का हिस्सा हैं!


ज़िंदगी एक-तरफ़ा मुक़ाबले का छोटा सा हिस्सा है जिसमे जीत पहेले से तै है और हारने वाला मैं! हमेशा!!

हमेशा

तुम आहिस्ते से करीब आते आते मेरे वजूद में रच-बस जाओ,
इस तरह की कुछ बड़ी चाह नहीं थी !
उम्मीद भर थी बस इतनी तस्सली की,
के तुम मेरे पास हो और हमेशा रहोगे !!