तुम आहिस्ते से करीब आते आते मेरे वजूद में रच-बस जाओ,
इस तरह की कुछ बड़ी चाह नहीं थी !
उम्मीद भर थी बस इतनी तस्सली की,
के तुम मेरे पास हो और हमेशा रहोगे !!
इस तरह की कुछ बड़ी चाह नहीं थी !
उम्मीद भर थी बस इतनी तस्सली की,
के तुम मेरे पास हो और हमेशा रहोगे !!
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