बाज़ारो में हमारे भी अब चर्चे होने लगे हैं!!!
इश्क में हम भी नापाक जो होने लगे हैं!
कि आज हम भी खवाबों के साथ रूबरू होने लगे हैं!
बड़ी मुद्दत की नींद के बाद जागने जो लगे हैं!!!
the pursuit of reason... the fight with self...
बाज़ारो में हमारे भी अब चर्चे होने लगे हैं!!!
इश्क में हम भी नापाक जो होने लगे हैं!
कि आज हम भी खवाबों के साथ रूबरू होने लगे हैं!
बड़ी मुद्दत की नींद के बाद जागने जो लगे हैं!!!
Posted by Sukesh Kumar Monday, 9 August 2010 at 02:51
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
1 comments:
9 August 2010 at 09:04
bhai kya bhav diya "sukesh" ... iski futures trading hoti hai kya..... kahan listed hai yeh .. BSE ya NSE ?
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