ज़िन्दगी का पन्ना

वो एक बाल तेरी ज़ुल्फो से झड़ कर मेरे होठों पर रह गया था
अभी तक संभाल के रखा था मैने किताब के पन्नों के बीच !
एक पन्ने के बीच जहाँ ज़िंदगी का ज़िकर था
कल रात आँधी आई थी, बाल तो उड़ गया पर निशान छोड़ गया उसी पन्ने पे !!

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