कलर-ब्लाइंड

बहुत कुछ लिखता हूँ काग़ज़ पे आज कल
पर स्याही सूखते ही सिलवटों से भरा काग़ज़ रह जाता है, शब्द नहीं मिलते !
कलर-ब्लाइंड को शायद स्याही और आंसूओं के रंग भी धोखा दे जाते हैं !!

0 comments: