आले में रखा दिया बुझ जाता है जलने के बाद,
मगर पीछे छोड़ जाता है एक मधम सी लौ !
तुम्हारे आँसुओं ने भी सीख लिया है,
टपकना किसी ओर के काँधे पे !
तुम्हे बस इतना भर साबित करना है के
तुम्हारी टीस में मेरी टीस का कोई अंश बाकी नहीं है !
यूँ ज़िंदगी चलती रहेगी अपनी रफ़्तार,
और तुम दिया जलाती रहोगी पहेले जैसे !!
मगर पीछे छोड़ जाता है एक मधम सी लौ !
तुम्हारे आँसुओं ने भी सीख लिया है,
टपकना किसी ओर के काँधे पे !
तुम्हे बस इतना भर साबित करना है के
तुम्हारी टीस में मेरी टीस का कोई अंश बाकी नहीं है !
यूँ ज़िंदगी चलती रहेगी अपनी रफ़्तार,
और तुम दिया जलाती रहोगी पहेले जैसे !!
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