रावी को बना चाशनी
उडेल ली चाँद की कड़ाही में !
सहरां की रेत को बना शक्कर
बिखरा दी मैने आसमाँ में !
सितारों को उधेड़ बना ली जलेबी
चमकीले रंग की !
तू ज़रा घूमा दे अपनी उंगली इनमे
और बना दे मीठा !!
उडेल ली चाँद की कड़ाही में !
सहरां की रेत को बना शक्कर
बिखरा दी मैने आसमाँ में !
सितारों को उधेड़ बना ली जलेबी
चमकीले रंग की !
तू ज़रा घूमा दे अपनी उंगली इनमे
और बना दे मीठा !!
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