टूटी हुई निब

टूटी हुई निब से
कांपती उंगलीओं से
जो भी लिखना, संभाल के रखना !

रेत पे रखा पत्थर,
धँस जाता है, रेत के धँसने पर !
पत्थर का वजूद, रेत का हो के रह जाता है !

जब मिलेंगे तो गुज़रे हुए दौर को याद करेंगे,
जब हम पत्थर बन के रेत पे, रेत के खिलाफ, रेत की कहानी लिखते थे !

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