धार

उंगलिओं को काटने के लिए तलवार ज़रूरी नहीं होती,
तीखे काग़ज़ भी घाव कर जाते हैं !

कुछ लड़ाईओं में ज़रूरत,
खून से ज़्यादा स्याही की होती है !

क़लम की धार तेज़ कर लेना,
जंग आज कल तलवारों से नहीं,
दूसरे रंग की स्याहीओं से होती है !!

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