"चलोगी मेरे साथ?", उस अभागे ने बस इतना ही पूछा था| और उसने जवाब देने में
कुछ पल खर्च कर दिए और जवाब दिया भी नहीं; मगर पूछा, "कहां?"
इतना काफ़ी होता है कहीं भी ना जाने के बहाने के लिए...
गर चल दिए होते तो कहीं ना कहीं तो पहुंच ही जाते...
इतना काफ़ी होता है कहीं भी ना जाने के बहाने के लिए...
गर चल दिए होते तो कहीं ना कहीं तो पहुंच ही जाते...
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