यूं पहेले अधूरा होना पता नहीं था !
पर जब से तुम्हें गले लगाया है,
पूरा होना की चाह रहने लगी है !
जैसे के तुम मेरी प्रेरणा नहीं,
बल्कि मेरी ज़िंदगी हो !
मैं तुम्हें अपनी ज़िंदगी में ढालना नहीं चाहता,
बस जी लेना चाहता हूं !
ये बात फिल्मी लगती है; मगर यकीं करो, मैं पहली बार पूरा सच बोल रहा हूं !!
पर जब से तुम्हें गले लगाया है,
पूरा होना की चाह रहने लगी है !
जैसे के तुम मेरी प्रेरणा नहीं,
बल्कि मेरी ज़िंदगी हो !
मैं तुम्हें अपनी ज़िंदगी में ढालना नहीं चाहता,
बस जी लेना चाहता हूं !
ये बात फिल्मी लगती है; मगर यकीं करो, मैं पहली बार पूरा सच बोल रहा हूं !!
0 comments:
Post a Comment