रंज गुज़ारे और भूल जाए पुरानी ज़फ़ा,
ऐसा कोई कहाँ !
आँचल में छुपा ले बिना माँगे अहद-ए-वफ़ा,
ऐसा कोई कहाँ !!
ऐसा कोई कहाँ !
आँचल में छुपा ले बिना माँगे अहद-ए-वफ़ा,
ऐसा कोई कहाँ !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Saturday, 30 November 2013 at 20:26
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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