वापिस हटती लहरों से मोहब्बत मत करना,
लौटेंगी नहीं !
यूं लहरें आती रहेंगी कई !
लौटेंगी नहीं !
यूं लहरें आती रहेंगी कई !
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Monday, 23 November 2015 at 20:48
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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