तन्हा रात

झींगुरों की आवाज़ें हैं शहनाईओं की तरह !
जुगनू टिमटिमाते हैं रोशनीओं की तरह !
झील में कहकशां महफ़िलों की तरह !
रात तन्हा मगर...

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