घास पे पड़ी पंखुड़ी को उठा के टटोलना,
और झुकी नज़रों और बंद होठों से बेबाक इश्क़ की गवाही !
किसी की धड़कनें चुराना भी एक फन्न होता होगा !!
और झुकी नज़रों और बंद होठों से बेबाक इश्क़ की गवाही !
किसी की धड़कनें चुराना भी एक फन्न होता होगा !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Sunday, 25 December 2016 at 19:41
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
0 comments:
Post a Comment