अंदर

भीगी तो मेरी रूह है पर मैं जिस्म से ज़हर निचोड़ता हूं !
मैं ऐसा ही हूं, पता नहीं क्यों,
जब अंदर देखना होता है तो खिड़की से बाहर देखता हूं !!

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