ख़तम होने के बाद

उसने मोहब्बत का हवाला दिया था,
‘मोहब्बत नहीं है’ बोलने के बाद !
शिखर पे कल रात की बर्फ पे जैसे धीमी आँच सुलगती रही हो !

थोड़ा नफ़रतों को जगह दे देना,
मोहब्बत ख़तम होने के बाद !
सिखर दोपहर जैसे झुलसती बालू पे बारिश की बूँद उबलती रही हो !!

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