मेरे दिनों के फरक सब ले गया कोई,
मेरी रातों में अपना कुछ रख गया कोई !
मेरी बाहों की हदों में आ के, मेरी हदें लांघ गया कोई !!
मेरी रातों में अपना कुछ रख गया कोई !
मेरी बाहों की हदों में आ के, मेरी हदें लांघ गया कोई !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Sunday, 6 August 2017 at 23:40
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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