खुद के ही कंधे पे सर रख रोए, ऐसा ओर कौन बदनसीब होगा,
ज़िंदगी की लकीर लंबी हो और कफ़न भी जिसका रकीब होगा !!
यूँ इश्क़ के मारे तो मुझसे पहेले भी कई हुए हैं !!
ज़िंदगी की लकीर लंबी हो और कफ़न भी जिसका रकीब होगा !!
यूँ इश्क़ के मारे तो मुझसे पहेले भी कई हुए हैं !!
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